क्षत्रिय राजपूत सभा 474 वा महाराणा प्रताप की जयंती मनाया
क्षत्रिय राजपूत सभा कुत्भीगुड़ा,सुल्तान बाजार मे शुर वीर महाराणा
प्रताप की 474 वा जयंती
मनाया.
श्री बी. वी। जगदेव
सिंह और श्री शीतल सिंह उपाध्यक्ष दीप प्रज्जवलित किया. विजय बहादुर सिंह
महासचिव, यस गणेश सिंह, कोषाध्यक्ष और अन्य पदाधिकारियों ने श्री महाराणा
जी को माल्यार्पण किया.
इस अवसर पर श्री बी.
वी। जगदेव सिंह उपाध्यक् ने अपने विचार रके और कहा की महाराणा प्रताप के पिता
महाराणा उदय सिंह और माता जैवन्ता बाई थे.
महाराणा उदय सिंह मेवाड़ के राजा थे और उनकी राजधानी चित्तोर थी. महाराणा प्रताप 25 भाईओ मे से जेस्ट
थे.
श्री अरविन्द कुमार राठौर
ने कहा की हल्दी घाटी का युद्ध जहा महाराणा
के साथ 20000 हजार राजपूत सेना और मोगल सेना 80,000 थे. महाराणा प्रताप की सेना को
पराजित नहीं किया गया था, लेकिन महाराणा प्रताप
मुगल सैनिकों से घिरे थे. उस समय अपने भाई, शक्ति सिंह, प्रकट हुए और राणा की जान बचाई
है कि कहा जाता है. इस युद्ध का एक और हताहत महाराणा प्रताप के प्रसिद्ध, और वफादार,
घोड़ा चेतक, उसकी महाराणा बचाने की कोशिश कर उसकी जान दे दी.
इस अवसर पर विजय
बहादुर सिंह महासचिव, यस गणेश सिंह, कोषाध्यक्ष, सूरज सिंह, अन्य अपने विचार रके.
संरक्षक सदस्यों मनोहर
सिंह, यस गणेश सिंह, सूरज सिंह, अरविन्द कुमार राठौर, पुष्पराज सिंह, जनार्दन
सिंह, विजय सिंह,
आजीवन सदस्यों विजय
बहादुर सिंह, राज कुनार सिंह, बी.वी. जगदेव सिंह, अशोक सिंह, मदन सिंह, जमुना,
क्टर. नवीन सिंह, अनोखे सिंह, सुरेंद्र सिंह, पवन कुमार सिंह, महेन्द्र सिंह व सदस्यों
ने भाग लिया
यस गणेश सिंह
कोषाध्यक्ष
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